मंगलवार, 11 मई 2021

व्यंग देश में किसी चीज की कमी नहीं है

 वाह मेरी सरकार आप नहीं गुनाहगार

जी हां देश में कोरोना की दूसरी लहर आते आते इससे लड़ने की हमनें पूरी तैयारी कर ली है। अरे साहब आप हंस रहे है?  हमारी सरकार कह रही है न देश में आक्सीजन की कमी है न अस्पतालों में बिस्तरों और वेंटीलेटर की। हमने चुना है न सरकार को तो हमें तो विश्वास करना चाहिए चाहे लोग बिना आक्सीजन के मरते आपको दिखे, चाहे लोग अस्पतालों में बेड के लिए इधर से उधर दौड़ते दिखे और चाहे अस्पतालों में वेंटीलेटर भी न हो। अरे आप तो नीरे भोले है, ये सब अफवाहें तो विपक्ष फैला रहा है, ये जो सड़को पर आक्सीजन सिलेंडर लेने को लंबी लंबी कतारें देख रहे हो ना  लोगों की गिड़गिड़ाते हुए देख रहे हों न, ये सब विपक्ष के लोग है जो हमारी चुनी हुई सरकार को बदनाम करने की साजिश है, देश की छवि दुनिया में खराब करने की चाल है।

आप किसी भी अस्पताल में चलें जाइए आपको तुरंत बेड मिल जाएगा आक्सीजन सिलेंडर तो आपको अस्पताल के दरवाजे पर ही मिलेगा अगर आपको आक्सीजन की कमी है तो सेचुरेशन नापने के साथ ही आपको जरूरत की आक्सीजन मिल जाएगी। वेंटीलेटर तो खाली पड़े है जनाब आपके लिए। ऐसी व्यवस्थाएं है हमारी चुनी हुई सरकार की।

वेक्सिनेशन सेंटर तो खाली पड़े है जनाब, टीके की कोई कमी नहीं है आप तो सेंटर पर जाए और तुरंत लगा कर आ जाए। किसी भी आयु वर्ग के हो आप आपके लिए टीको की कोई कमी नही है अगर कमी होती तो हम 93 देशों को 6.5 करोड़ टीके निर्यात करते क्या जनाब? आखिर हमारी चुनी हुई सरकार है ऐसी मूर्खता कैसे कर सकती है? ये तो विपक्ष है जो सरकार की अच्छी व्यवस्थाओं को पचा नहीं पा रहा है और अफवाहें फैला रहा है।


आम आदमी से अपील है कि वो अफवाहों पर ध्यान नहीं दे। कोरोना की दूसरी लहर से मुकाबला करने को देश पहले से ही तैयार था और तीसरी लहर की भी व्यवस्थाएं हमारी सरकार ने कर ली हैं।  और हां कोरोना से मौतें भी विपक्ष बढ़ा चढ़ा कर बता रहा है, गंगा में जो लाशें बहकर आ रही है वे भी विपक्ष के लोग बहा रहे है, वे लोगों को कह रहे है अधजली लाशें बहा दो या सीधे ही प्रवाहित कर दो मोक्ष मिलेगा बस इसलिए लोग ऐसा कर रहे है। बाकी विपक्ष सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहा है संकट की इस घड़ी में उसे सरकार की व्यवस्थाओं की तारीफ करनी चाहिए ताकि जनता का मनोबल बढ़े और वो इस महामारी का मरते हुए मुकाबला कर सकें।

ऐसी निपट सरकार देखी है आपने कि जो अव्यवस्थाओं की बात करें उसे ही जेल भेज दे बजाय व्यवस्थाओं को सुधारने के?  बिहार की सरकार ने पप्पू यादव को इसलिए गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उन्होंने रूड़ी के यहां खड़ी  एंबुलेंस की स्थिति बता दी थी और अब ये भी लिख लीजिए कि अब जब इस पर बवाल हो गया है तो उनकी गिरफ्तारी इसके लिए नहीं किसी और केस में होना बता दी जाएगी। एक बेटा अपनी मां को आक्सजीन नहीं मिलने पर अपना दुख सार्वजनिक रूप से क्या बोला उसे गिरफ्तार कर लिया गया आखिर सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़ा कि ऐसे लोकतंत्र जिंदा नही रह सकता  लोगों को बोलने से रोकना उचित नहीं है।


इस सरकार की निरकुंशता  देखिए कि वो देश की सर्वोच्च अदालत को ही हड़का दे। कार्यपालिका के कामों में दखल न दे अदालतें।  यानि कोर्ट को  देश की स्थिति को देखते हुए स्वत संज्ञान लेने की जरूरत नहीं, लोग मरते दिखे, कहराते दिखे तो वो न्याय पालिका है जिसकी आंखों पर पट्टी बंधी है उसे तो वो पट्टी हटानी ही नहीं है। उसे तो कोई उसके पास आए तो संविधान की सीमाओं तक ही रहने देना है ।  और हमारी सरकार ने  ये व्यवस्थाएं पहले से ही कर रखी है कि कोई प्रशांत भूषण बनकर आएगा ही नही। आएगा तो भी ईडी, इनकम टैक्स, एनएसए, सीबीआई ऐसी है कि वो उससे ही पूछ लेगी कि बता सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की फीस देने का पैसा कहां से आया?  मनी लांड्रिंग का केस तैयार हो जाएगा।

ऐसी संवेदनहीन सरकार जिसे लोगो की तकलीफ दिखाई नहीं देती लेकिन जो इस सरकार को दिखाना भी चाहे तो उस पर अफवाह फैलाने का आरोप। ये कैसी सरकार चुन ली हमने? संवेदनशील सरकार तो जहां कमी दिखाई जाए उसकी पूर्ति करती दिखाई देनी चाहिए उसके बदले जो दिखाए उसे ही हड़काए। लोकतांत्रिक सरकारें तो ऐसी नहीं सुनी थी इससे पहले।


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