शुक्रवार, 16 मई 2014

चलो आखिर अच्छे दिन आ ही गये

चलो आखिर अच्छे दिन आ ही गये 
पिछले करीब दो महिनो से देश की जनता ये ही सुन रही थी कि उसके अच्छे दिन आने वाले है , 15 मइ तक ये असमंजस् ही था कि क्या पता अच्छे दिन आ पायेंगे भी या नही , लेकिन आज के लोक सभा परिनामो ने ये सच कर ही दिखाया कि जनता ने अच्छे दिन लाने वालो को मौका दे दिया है , अब भाजपा को जनता के लिये अच्छे दिन लाने होंगे , जनता के अच्छे दिन कौन से है जरा उनके बारे मे भी देख ही लेना चहिए , हालांकि मोदी जी ये अच्छी तरह जानते है कि एक आम आदमी के लिये अच्छे दिन कौन स होंगे ,
फिर भी एक आम आदमी के अच्छे दिन तो उस दिन शुरू होंगे जिस दिन महंगाइ कम होंगी , पूरी बिजली मिलेंगी ,पीने का शुध पानी मिलेगा, हर गांव सदक से जुद जायेगा, भर्स्ताचार कम होगा, जनता की तकलीफे दूर होंगी , पेत्रोल् दीजल के दाम कम होंगे , युवाओ को रोजगार मिलेगा,महिलाओ की सुरक्शा होगी , हर आदमी की मूलभूत आवश्यकताओ का निराकरन होगा,
मोदी जी को ये याद होगा कि उन्होने चुनावी सभाओ मे कांग्रेस द्वारा 100 दिन मे मह्ंगाइ कम करने के वादे को पूरा न करने को जनता से बहुत भुनाया था , उनसे ये बुलवाया था कि भाइयो बहनो क्या कांग्रेस 100 दिन मे मह्ंगाइ कम पाइ , बोलो हा या ना , वे जनता के मुह से सुनते थे नही , अब अगर मोदी जी ने जिन क्शेत्रो मे जो जो वादे किये है और जितने समय मे करने का वदा किया है और अगर वे उनको भूल गये तो फिर 2019 मे उनका भी वही हश्र होगा जो आज कांग्रेस का हो रहा है , अगर भाजपा को सिर्फ 60 महिने ही रहना हो तो वो जनता से वादे कर भुल सकती है और यदी उसे अगले 60 साल देश पर राज करना है तो पहले 60 महिनो मे जनता से किये वादो पर खरी उतर कर बताए , तो फिर कोइ दूसरी पार्ति आगे नही आ सकती , लेकिन ये भाजपा की पहली पूर्न सरकार होगी जो किसी की वैसाखी के बिना खुद की अपनी होगी , अब भाजपा को ये तय करना है की वो अपनी पहली पूर्न बहुमत की सरकार मे जनता मे वो ऐसा विश्वास जमा ले कि फिर कोइ उसकी जगह नही ले सके
अब तय भाजपा को करना है कि वो सत्ता के मद मे चूर होकर जनता से किये वादे भूल जाती है या उन्हे पूरा कर जनता मे अपनी साख जमाती है

सोमवार, 12 मई 2014

नरेन्द्र मोदी का विश्वास

लोकसभा चुनावो के नतीजे अभी आये नही है लेकिन मोदी जी ने प्रधान मंत्री बनने के सारे इंतजामात शुरू कर दिए है . उन्होने संघ मे श्री मोहन भगवत जी से मिलकर ये बता दिया है कि उनके मंत्री मन्दल मे आदवानी और मुरली मनोहर जोशी नही होंगे ये समाचार पत्रो मे आज प्रमुखता से छपा है . यही नही उन्होने ये भी कह दिया बताते है कि उन्हे मंत्री मन्दल अपने हिसाब से ही बनाने दिया जाए , शाम होते होते न्युज चैनलो पर यह भी दिखाया जाने लगा कि मोदी जी ने गुजरात मे अपने उत्तराधिकारी के चयन के लिए गुजरात बीजेपी कोर समिति की बैथक बुलाकर अपने प्रधानमंत्री बनने की पूरी तैयारी के तहत आनन्दी बेन पतेल को गुजरात की भावी मुख्यमंत्री बनाने का पक्का इंतजाम कर दिया है. खास बात ये है कि अभी तक एकिजत पोल भी अभी नही आये है जिससे ये अनुमान हो कि इनके कारन भी तैयारी की जा रही हो लेकिन मोदी जी तो एकिजत पोल से भी एक कदम आगे चल रहे है . मालूम नही उन्हे कैसे ये पता लग चला है कि वे प्रधान मंत्री बनने वाले है और अब उन्हे कोइ रोक नही सकता .इतना आत्मविश्वास तो आज तक जवाहर लाल नेहरू, इदिरा गान्धी , अतल बिहारी वाजपइ तक को नही हुआ . वास्तव मे मोदी प्रधान मंत्री बनने के लिए बहुत बेताब दिखाइ देते है , जैसे जैसे 16 मइ नजदीक आ रही है उनका सब्र का बान्ध तूतता दिखाइ देता है वे अब बिना किसी देरी और बाधा के देश के अगले प्रधान मंत्री बनने को तैयार है
लेकिन सत्ता बजार से जो खबरे आरही है वे बीजेपी को पुरी बहुमत नही देरही ऐसे मे मोदी जी बिना इधर उधर देखे प्रधान मंत्री बनने की पूरि तैयारी किस भरोसे कर रहे है क्या उन्होने सारी परिसिथयो पर गौर कर लिया है और हर तरफ से आश्वसत होने के बाद ही एसा कर रहे है ? क्या कोइ भी राज नेता इतना बदा रिस्क ले सकता है जिसमे कही भी कोइ भी बाधा आने कि सभावना हो सकती है उसके बाद भी प्रूरी तैयारी क्या दर्शाती है? ये सभी राजनीतिक लोगो को सोचने की जरूरत है , इतना ओवर कंफिदेंस कैसे किसी मे हो सकता है ? भारतीय राजनीति मे शायद ये पहला मौका है जब कोइ व्यक्ति प्रधान मंत्री बनने के लिए इतना बेताब ही नही हो बल्कि उसके लिये सारे पूर्व इंतजाम भी कर ले . एक पल के लिये भी यदि इस सबकी तैयारी के बीच चुनाव परिनाम मोदी जी की अपेक्षा के अनुरूप नही आये या कोइ पेंच फस गया तो कितनी हास्यास्पद सिथति होगी शायद मोदी जी प्रधान मंत्री बनने की हसरत मे भूल गए है .इससे तो एसा ही लगता है की मोदी जी ने यह जान लिया है कि चुनाव परिनाम चाहे जो आये , उन्हे तो प्रधान मंत्री बनना ही बनना है , या तो वे भविश्य वक्ता है या उन्होने एसी बिसात बिछा ली है कि हर हलत मे परिनाम जैसे वो चाहते है वैसे ही आने वाले है