बुधवार, 13 मई 2020

ऐसे बनेगा लोकल ही वोकल

लोकल को बनाना है वोकल



प्रधानमन्त्री जी ने लोकल को वोकल बनाने की जो बात कही है उस पर लोकल लोगों को और लोकल उत्पादन करने वाले उद्योगपतियों दोनों को चिंतन करने की जरूरत है। लोकल चीज अगर अच्छी क्वालिटी की मिलेगी तो लोग उसे खरीदने में प्राथमिकता देंगे और अगर उसकी क्वालिटी घटिया होगी तो लोग दूसरी खरीदेंगे।  इसलिए लोकल को वोकल बनाने के लिए  क्वालिटी का जो ध्यान रखेगा वो अपने उत्पाद को वोकल बना सकेगा, और जो क्वालिटी का ध्यान नहीं रखेंगे उनके लिए चाहे प्रधानमन्त्री कहे या कोई भी, जनता उसे स्वीकार नहीं करेगी।
इसलिए लोकल को अगर वोकल बनाना है तो क्वालिटी का ख्याल रखना होगा। चीनी आइटम की तरह नहीं कि, सस्ती तो हो लेकिन क्वालिटी न हो। बाज़ार में लंबे समय तक टिकने के लिए जरूरी है कि आप अपनी क्वालिटी मेंटेन रखें। निश्चिंत मानिए अगर आप क्वालिटी बनाए रखेंगे तो भी आपकी लोकल होने की वजह से अन्य चीजों से आपकी दरें,बड़ी कम्पनियों से कम ही होगी। और कुछ नहीं तो जो ट्रांसपोर्टेशन का खर्चा है वो तो कम होगा ही, ऐसे में बड़ी बड़ी कम्पनियों कि क्वालिटी मेंटेन रखते हुए आप लोकल लोगों को उसी क्वालिटी की वस्तुएं सस्ती दे सकते है, और जब अच्छी क्वालिटी की कोई चीज सस्ती मिलेगी तो कोई क्यों दूसरी या विदेशी चीज खरीदेगा।

बस तय लोकल को वोकल बनाने का करना है तभी प्रधानमन्त्री की बात बनेगी अन्यथा भाषण है और भाषण तक ही रह जाएगी लोकल को वोकल बनाने की बात।

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